लौंग (Laung) से ज्यादातर लोग परिचित होंगे। कई अवसरों पर लोग इसका उपयोग भी करते होंगे। लेकिन, लोगों को अक्सर इस बात की जानकारी नहीं होती कि लौंग के प्रयोग से हमें कई लाभ हो सकते हैं। इस कारण से वे लौंग को कुछ विशेष मामूली उपयोगों में ही सीमित रखते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में लौंग के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही आप रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग करके लाभ पा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों के लिए लौंग लाभदायक मानी जाती है।आइए अब हम इन लौंग के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
लौंग क्या है?, What is Laung(Cloves)?
लौंग (Laung) के पेड़ पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसके फूल की कलियों को सुखाकर बाजार में लौंग के नाम से बेचा जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए लौंग बहुत लाभदायक होती है। लौंग के फायदे या विशेष गुण निम्नलिखित हैं:
- लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है। आमाशय की रस क्रिया सही रहती है।
- भोजन के प्रति रुचि पैदा होती है और मन प्रसन्न होता है।
- लौंग पेट के कीड़ों को खत्म करती है।
- यह चेतना-शक्ति को सही रखती है।
- यह शरीर की दुर्गंध को खत्म करती है।
- दर्द, घाव पर लेप करने से रोग सही होते हैं।
- लौंग मूत्रमार्ग को सही रखती है और पेशाब के रास्ते हानिकारक चीजों को बाहर निकालने में मदद करती है।
अनेक भाषाओं में लौंग के नाम, Name of Laung (Cloves) in Different Languages
लौंग का वानस्पतिक नाम Syzygium aromaticum (Linn.) Merr & L. M. Perry (सिजीयम एरोमैटिकम) Syn-Eugenia caryophyllata Thunb., Caryophyllus aromaticus Linn. है और यह Myrtaceae (मिर्टेसी) कुल की है। लौंग को देश या विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Cloves in –
- Hindi (laung in hindi)– लोंग, लौंग, लवंग
- English (Lavanga in english) – क्लोवस (Cloves), जंजिबर रैड हेड (Zanzibar red head), क्लोव ट्री (Clove tree), Clove (क्लोव)
- Sanskrit – लवङ्ग, देवकुसुम, श्रीप्रसून, श्रीसंज्ञ, श्रीप्रसूनक, वारिज
- Urdu – लौंग (Laung), लवंग (Lavang)
- Kannada – लवंग (Lavanga), रूंग (Rung)
- Gujarati – लवींग (Laving)
- Telugu – करवप्पु (Karvappu), लवंगमु (Lavangamu)
- Tamil (Cloves in tamil) : किरांबु (Kirambu), किराम्पु (Kirampu)
- Bengali – लवंग (Lavang)
- Nepali – लवांग (Lwang)
- Marathi – लवंग (Lavang)
- Malayalam – लौंग (Laung), ग्रामपु (Grampu), करयाम्पु (Karayampu)
- Arabic – करनफल (Qaranphal), करनफूल (Qaranphul)
- Persian – मेखत (Mekhat), मेखक (Mekhak)
लौंग के फायदे और उपयोग, Laung (Cloves) Benefits and Uses
लौग के औषधीय प्रयोग एवं प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
सिर दर्द और माइग्रेन में लौंग का प्रयोग लाभदायक, Laung (Cloves) Benefits in Relief from Headache
लौंग (लवंग) के फायदे (लॉन्ग के फायदे) सिरदर्द की परेशानी में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति आधासीसी (माइग्रेन) से पीड़ित है या अन्य प्रकार के सिरदर्द की समस्या से जूझ रहा है, तो लौंग का उपयोग उसे आराम पहुंचा सकता है। इसके लिए, 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर सुखा लेना होगा। इसे थोड़ा गरम कर लें। फिर इस गरम लौंग को कान के आस-पास गाढ़ा लेप करने से सिरदर्द या आधासीसी की समस्या में आराम हो सकता है।
और भी एक उपाय है जिसमें 2 लौंग और 65 मिग्रा अफीम को पानी के साथ पीसकर गरम किया जाता है। इस मिश्रण को ललाट (माथे) पर लेप करने से सर्दी के कारण होने वाले सिरदर्द से आराम मिल सकता है।
आंखों की बीमारियों में लौंग का उपयोग फायदेमंद, Benefits of Laung (Cloves) in Cure Eye Disease
लौंग को तांबे के बरतन में पीसकर, शहद के साथ मिलाकर, आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में आराम मिल सकता है। यह एक आयुर्वेदिक उपाय है जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस उपाय के लिए आपको लौंग को तांबे के बरतन में पीसना होगा और फिर उसमें शहद मिलाना होगा। इस मिश्रण को आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में आराम मिल सकता है और यह आपकी आंखों की सेहत को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
दांतों के रोग में लौंग के प्रयोग से लाभ, Benefits of Laung (Cloves) in Dental Disease
दांतों की बीमारियों में भी लौंग काफी फायदेमंद होता है। लौंग के तेल को रूई के फाहे में लगाकर दांतों पर लगाने से दांतों का दर्द कम हो सकता है। इससे दांतों में लगे कीड़े भी खत्म हो सकते हैं।
लौंग के फायदे और इसके उपयोग को समझाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है। दांतों के समस्याओं में आराम पाने के लिए लौंग का उपयोग एक प्राकृतिक औषधि के रूप में किया जा सकता है। इस तरीके से लौंग का उपयोग करके दांतों की सेहत को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।
चिलगोजा (Pine Nuts) के फायदे
बलगम की समस्या में लौंग का सेवन लाभदायक, Laung (Cloves) Benefits in Mucus Problem
लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए, तो छानकर थोड़ा गरम करके पी लें। यह उपाय कफ को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
लौंग के फायदे और इसका उपयोग कफ समस्याओं के इलाज में कैसे फायदेमंद साबित होता है, इसकी जानकारी लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उपरोक्त उपाय में लौंग का उपयोग करके कफ को निकालने का एक प्राकृतिक तरीका बताया गया है। लौंग के औषधीय गुणों के कारण यह उपाय आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रचलित है और इसके उपयोग से कफ समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।
लौंग के सेवन से खत्म होती है मुंह और सांसों की बदबू, Benefits of Laung (Cloves) in Halitosis Treatment
लौंग एक प्राकृतिक उपाय है जिसका उपयोग मुंह की दुर्गंध को खत्म करने में किया जा सकता है। यह एक आयुर्वेदिक तरीका है जो मुंह में लौंग रखने से मुंह की दुर्गंध और सांस की बदबू मिट सकती है। लौंग में मौजूद औषधीय गुणों के कारण यह एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका है जो सांसों की बदबू को रोकने में मदद कर सकता है।
दमा रोग में फायदेमंद लौंग का सेवन, Benefits of Laung (Cloves) in Fighting with Asthma
लौंग के फायदे दमा रोग में भी अनुभव किए जा सकते हैं। इसके लिए, लौंग, आंकड़े के फूल और काला नमक को समान मात्रा में लें। इन्हें पीसकर चने के आकार की गोली बना लें। इस गोली को मुंह में रखकर चूसने से दमा और श्वासनलिका के विकार में सुधार हो सकता है।
दमा रोग के इलाज में लौंग का उपयोग एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकता है। लौंग के मेडिकल गुणों की वजह से यह उपाय दमा और श्वासनलिका समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है।
लौंग के सेवन से कुक्कुर खांसी का इलाज, Laung (Cloves) Benefits in Cure Cough Disease
3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर पीस लें। इसे शहद मिलाकर चाटने से कुत्ते की खांसी में लाभ हो सकता है।
लौंग के फायदे और इसके उपयोग को समझाने के लिए यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, लौंग में मौजूद औषधीय गुण कुत्तों की खांसी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। लौंग को भूनकर और शहद के साथ मिलाकर चाटने से कुत्तों की खांसी में आराम मिल सकता है।
हैजा में फायदेमंद लौंग का इस्तेमाल, Laung (Cloves) Benefits in Cholera Treatment
हैजा होने पर बहुत अधिक प्यास लगने की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या के इलाज में लौंग खाने से बहुत फायदा हो सकता है। एक या ड़ेढ़ ग्राम लौंग को तड़के वाले पानी में डालकर उसे उबालें। जब यह 2-3 बार उबल जाए, तो उसे नीचे उतार कर ढक दें। इसमें से 20-25 मिलीलीटर जल को बार-बार पिलाने से हैजा के कारण होने वाली अत्यधिक प्यास की समस्या ठीक हो सकती है।
यह लौंग का उपाय है जो हैजा या उससे संबंधित प्यास की समस्या में मददगार साबित हो सकता है। लौंग में मौजूद औषधीय गुणों के कारण यह उपाय हैजा से जुड़ी दिक्कतों को कम करने में सहायक हो सकता है।
अपज की समस्या में लौंग के उपयोग से लाभ, Laung (Cloves) Benefits in Indigestion
1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से अपच की समस्या ठीक हो सकती है।
यह एक आयुर्वेदिक उपाय है जिसमें लौंग और हरड़ का उपयोग करके अपच (आंतों की अशुद्धि) से संबंधित समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है। इस उपाय में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से पाचन प्रक्रिया सुधार सकती है और अपच की समस्या दूर हो सकती है।
जी मिचलाने पर करें लौंग का प्रयोग, Benefits of Laung (Cloves) in Treating Nausea
जी मिचला रहा हो तो लौंग के फायदे लें। लौंग को पानी के साथ पीसकर थोड़ा गरम कर लें। इसे थोड़े-थोड़े बारीकी से पिलाने से जी मिचलाने और अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक हो सकती है।
लौंग के फायदे के बारे में यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है, खासतौर पर जब आपको जी मिचलाने या अत्यधिक प्यास की समस्या हो। लौंग का उपयोग जी मिचलाने व अत्यधिक प्यास की समस्या के इलाज के रूप में किया जा सकता है। लौंग को पानी के साथ पीसकर गरम करने से उसमें मौजूद औषधीय गुण जी मिचला रहने और अत्यधिक प्यास की समस्या को दूर करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
कंटोला के फायदे
बुखार में लौंग का सेवन लाभदायक, Benefits of Laung (Cloves) in Fighting with Fever
लौंग (laung) और छोटी पिप्पली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को 1½ ग्राम की मात्रा में लेकर मधु मिलाकर सुबह और शाम चाटने से बुखार और शारीरिक कमजोरी से जुड़ी समस्या में लाभ हो सकता है।
लौंग और चिरायता को समान भाग लेकर पानी में पीसकर पिलाने से भी बुखार में लाभ हो सकता है।
यह एक प्राकृतिक उपाय है जो बुखार और शारीरिक कमजोरी से जुड़ी समस्याओं में मददगार साबित हो सकता है। लौंग और छोटी पिप्पली का उपयोग बुखार के लक्षणों को कम करने और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में किया जा सकता है।
पेट की गैस की समस्या में लौंग से फायदा, Laung (Cloves) Benefits in Acidity
10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम सोंठ, अजवायन और 10 ग्राम सेंधा नमक, तथा 40 ग्राम गुड़ को पीस लें। इससे 325-325 मिग्रा के छोटे गोलियां बना लें। दिन में 2-3 बार 1 गोली का सेवन करने से पेट की गैस की समस्या में लाभ हो सकता है।
यह एक प्राकृतिक उपाय है जो पेट की गैस से संबंधित समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। इस उपाय में लौंग, सोंठ, अजवायन, सेंधा नमक, और गुड़ का संयोजन किया जाता है, जिससे छोटी गोलियां बनाई जाती हैं। दिन में 2-3 बार इन गोलियों का सेवन करने से पेट की गैस से जुड़ी समस्या में लाभ हो सकता है।
पेट के रोग में लौंग के सेवन से फायदा, Laung (Cloves) Benefits in Treating Abdominal Disease
यहां एक विस्तृत सूची है जो लौंग (laung) के उपयोग से जुड़े कुछ उपायों के बारे में बताती है। ये उपाय अपच, गैस, खट्टी डकार, हैजा, पेट की गैस और भूख की समस्या में मदद कर सकते हैं।
- लौंग, शुंठी, मिर्च, पीपल, अजवायन 10-10 ग्राम, सेंधा नमक 50 ग्राम तथा मिश्री 50 ग्राम को पीस लें। इन्हें चीनी मिट्टी के बरतन में रखें और इतना नींबू का रस डालें कि पूरा चूर्ण नींबू के रस से डूब जाए। इसे धूप में सुखा लें। इसे एक चम्मच भोजन के बाद सेवन करने से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है। इससे बदहजमी व खट्टी डकार आने की समस्या ठीक हो जाती है।
- 1-2 ग्राम लौंग को कूट लें। इसे 100 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बना लें। जब काढ़ा 20-25 मिली रह जाए तो इसे छानकर ठंडाकर पिएं। इससे हैजा और अपच की समस्या में लाभ होता है।
- लौंग (laung) का काढ़ा या लौंग के तेल से गैस की समस्या तुरंत ठीक हो जाती है।
- जायफल, लौंग तथा जीरा को समान मात्रा में लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद और शक्कर के साथ सेवन करें। इससे पेट का दर्द ठीक होता है।
- लौंग के दरदरे 10 ग्राम चूर्ण को 1 लीटर उबलते हुए जल में डालकर ढक दें। आधे घंटे बाद छान लें। 25-50 मिली जल को दिन में 3 बार पिलाने से अपच की समस्या ठीक होती है और भूख लगती है।
- लौंग, सोंठ, 10-10 ग्राम तथा अजवायन व सेंधा नमक 12-12 ग्राम का चूर्ण बना लें। इसे 1 ग्राम की मात्रा में भोजन के बाद जल के साथ सेवन करें। इससे अपच और एसीडिटी की समस्या ठीक होती है।
उल्टी (गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी) को रोकने के लिए लौंग का उपयोग, Use of cloves to Prevent Vomiting (Vomiting of Pregnant Women)
गर्भवती महिलाओं को उल्टी होना सामान्य बात है। इस दौरान, लौंग (lavang) खाने से उल्टी रोकने में बहुत फायदा मिलता है। इससे गर्भवती महिलाओं को बहुत आराम मिलता है। 1 ग्राम लवंग चूर्ण को मिश्री की चाशनी और अनार के रस में मिलाकर चाटने से गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी बंद हो जाती है।
लौंग का काढ़ा पिलाने से गर्भवती स्त्री की उल्टी बंद हो जाती है। ध्यान रखें कि बुखार में यह काढ़ा ना दें।
सेक्सुअल स्टेमना बढ़ाती है लौंग, Benefits of Laung (Cloves) in Increasing Sexual Stamina
लौंग (laung) और जायफल को पिसकर नाभि पर लगाने से पुरुष की स्तम्भन शक्ति (संभोग करने की क्षमता) में सुधार होता है।
गठिया में फायदेमंद लौंग, Laung (Cloves) Benefits in Arthritis Treatment
लौंग के फायदे आप गठिया जैसी बीमारी में भी उपयोग कर सकते हैं। लौंग के तेल से गठिया में लाभ होता है। इसे गठिया से प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे लाभ मिलता है।
लौंग को त्वचा को उष्णोदक के साथ पीसकर लेप करने से वात दोष के कारण होने वाले दर्द में भी लाभ मिलता है।
नासूर (पुराना घाव) में लौंग से लाभ, Laung (Cloves) Benefits in Cure Canker
5-6 लौंग और 10 ग्राम हल्दी को पीसकर नासूर (पुराना घाव) पर लगाने से उसका ठीक होने में मदद मिलती है।
छाती की जलन को ठीक करती है लौंग, Laung (Cloves) Benefits to Treat Heartburn
अनेक लोग छाती में जलन की समस्या से पीड़ित रहते हैं। इस समस्या में भी लौंग के फायदे (Long khane ke fayde) लाभदायक हो सकते हैं। 2-4 नग लौंग (lavang) को शीतल जल में पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से हृदय की जलन में राहत मिलती है।
जायफल (Nutmeg) के फायदे
दस्त रोकने के लिए करें लौंग का उपयोग, Laung (Cloves) Benefits to Stop Diarrhea
- लौंग और हरड़ का काढ़ा: 1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर एक काढ़ा बनाएं। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिएं। यह दस्त को रोकने में मदद करता है।
- जायफल, लौंग और जीरा का चूर्ण: जायफल, लौंग और जीरा को समान मात्रा में पीसकर एक चूर्ण तैयार करें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में शहद और शक्कर के साथ सेवन करें। यह भी दस्त को ठीक करने में मदद करता है।
मधुमेह में लौंग के फायदे, Laung (Cloves) Beneficial to Control Diabetes
लौंग के सेवन से मधुमेह (डायबिटीज) में लाभ हो सकता है। इसका कारण यह है कि लौंग रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। लौंग में मौजूद खास गुण रक्त शर्करा स्तर को संतुलित रखने में सहायक होते हैं।
एक शोध अनुसार, लौंग का सेवन रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और मधुमेह के प्रबंधन में सहायता प्रदान कर सकता है।
लौंग के फायदे के लिए, 1 ग्राम लौंग को रात्रि में थोड़े से पानी के साथ सेवन करें। यह सेवन आपके मधुमेह प्रबंधन को सुधारने में मदद कर सकता है।
सूजन को कम करने में लौंग फायदेमंद, Laung (Cloves) Beneficial to Get Relief from Inflammation
लौंग का तेल सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को शांत करने में सहायक होता है। यह विशेष गुण सूजन को कम करने में मदद करता है और राहत प्रदान कर सकता है।
लौंग के तेल के इस गुण का उपयोग सूजन के विभिन्न प्रकार के इलाज में किया जा सकता है। यह स्थानिक और बाहरी सूजन को भी कम करने में सहायक होता है।
इसके लिए, लौंग के तेल को आवश्यक स्थान पर लगाएं और उसे धीरे-धीरे मलें। इससे विशेष स्थानों पर सूजन कम हो सकती है और आपको राहत मिल सकती है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाये लौंग, Benefit of Laung (Cloves) to Improve Digestive System
यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है तो आपके लिए लौंग का सेवन फायदेमंद हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार लौंग में दीपन और पाचन के गुण पाए जाते हैं। यह गुण आपके पाचन सिस्टम को सक्रिय करके भोजन को पचाने में मदद कर सकते हैं।
लौंग में मौजूद उपयुक्त गुणों के कारण, यह आपके पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और भोजन को अधिक अवशोषित करने में सहायक हो सकता है। यह आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान कर सकता है और सामान्य समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और भोजन का अवशोषण करने में सहायक हो सकता है।
इसके लिए, आप रोजाना एक या दो नग लौंग को गरम पानी के साथ चबा सकते हैं या फिर अपने भोजन में इसका उपयोग कर सकते हैं। या फिर, आप लौंग के तेल का उपयोग भोजन बनाने में भी कर सकते हैं।
कैंसर के इलाज में फ़ायदेमंद है लौंग, Laung (Cloves) Beneficial to Treat Cancer
लौंग का उपयोग कैंसर के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें कैंसर के विरुद्ध रोधी गुण पाए जाते हैं। यह रोगनाशक गुण कैंसर के संकेतों को कम करने में मदद कर सकता है।
लौंग में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ये खास गुण कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं। इसके सेवन से शरीर के रोगप्रतिरोधक प्रणाली को बढ़ावा मिलता है जो कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।
कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए, आप रोजाना लौंग का सेवन कर सकते हैं या फिर अपने भोजन में इसका उपयोग कर सकते हैं। इससे आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी और कैंसर के लक्षणों को संभालने में मदद मिलेगी।
तनाव को कम करें लौंग, Laung (Cloves) Beneficial to Get Relief from Stress
लौंग तेल एक रहस्यमयी सहायक है जो तनाव को कम करने में मदद करता है। यह सर्कुलेटरी सिस्टम को उत्तेजित करके शारीरिक थकान को कम करता है और तनाव से मुक्ति प्रदान करता है।
लौंग तेल में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले गुण सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं जो शारीर के खून के प्रवाह को सुचारु रूप से संचालित करता है। इससे शारीर के अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचने में मदद मिलती है जिससे शारीर की थकान कम होती है।
इसके अतिरिक्त, लौंग तेल का इस्तेमाल अंगीकारी और अनिवार्य तनाव के समय तनाव से मुक्ति प्रदान करता है। इससे मानसिक चिंता और चिंता से मुक्ति मिलती है जिससे तनाव की समस्या कम होती है।
इसलिए, यदि आप तनाव को कम करना चाहते हैं, तो लौंग तेल का इस्तेमाल एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसे नियमित रूप से अपने दैनिक जीवन में शामिल करके आप तनावमुक्त और आनंदमय जीवन जी सकते हैं।
सिरदर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद लौंग, Benefit of Laung (Cloves) to Treat Headache
लौंग तेल एक प्राकृतिक उपाय है जो सिरदर्द को कम करने में मदद करता है। यह तेल अपने शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण विख्यात है, जो सिरदर्द से राहत प्रदान करते हैं।
लौंग तेल के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण सिरदर्द के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह तेल सिर के रक्त प्रवाह को सुचारु रूप से संचालित करने में भी सहायक है जिससे सिरदर्द की बनने वाली वास्तविक वजह को भी कम करता है।
सिरदर्द से पीड़ित होने पर, आप लौंग तेल को थोड़ी गर्माई हुई तरली रूप में लगा सकते हैं और उसे धीरे-धीरे मसाज कर सकते हैं। इससे आपको सिरदर्द में राहत मिल सकती है।
अस्थमा के इलाज में लौंग के फायदे, Laung (Cloves) Beneficial to Treat Asthma
अस्थमा और कफ संबंधी समस्याओं के लिए लौंग के सेवन से आपको फायदा हो सकता है, क्योंकि इसमें आयुर्वेद के अनुसार कफ को शांत करने की खास गुणकारी शक्ति होती है।
लौंग एक प्राकृतिक उपाय है जिसमें कफ को शांत करने की गुणकारी खोजी जाती है, जिससे आपको अस्थमा और कफ संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण से आपके श्वासनलीका के विकारों को भी ठीक करने में मदद मिलती है।
लौंग के सेवन से आपके श्वासनलीका से जुड़े बंद और खिंचाव के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसे एक से दो ग्राम की मात्रा में दिन में कुछ बार खाने से आपको आराम मिल सकता है और आप अपनी दिनचर्या को सम्भालने में सक्षम हो सकते हैं।
जी-मिचलाना कम करने में लौंग के फायदे, Laung (Cloves) Beneficial in Nausea
यदि यात्रा के दौरान या किसी अन्य कारण से आपको जी मिचलाने या उल्टी होने की समस्या हो तो आप लौंग का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि इसमें एंटी-एमेटिक (उल्टी रोकने के) गुण होता है।
लौंग एक प्राकृतिक उपाय है जो उल्टी रोकने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-एमेटिक गुण कारण होता है, जो जी मिचलाने की समस्या को कम करने में मदद करता है। यदि आपको यात्रा के समय उल्टी की समस्या होती है तो आप लौंग के ताजगी वाले फूलों को चबाकर इसके गुणों का लाभ उठा सकते हैं।
लौंग का उपयोग उल्टी रोकने में एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है। इसे सेवन करने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें और तब इसे इस्तेमाल करें। लौंग के उपयोग से आप जी मिचलाने या उल्टी की समस्या से राहत पा सकते हैं और अपनी यात्रा या दैनिक जीवन को सुखद बना सकते हैं।
जोड़ों का दर्द कम करने फायदेमंद लौंग, Benefit of Laung (Cloves) to Get Relief from Arthritis
जोड़ों के दर्द की समस्या में भी लौंग फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि आयुर्वेद में लौंग को दर्दनिवारक माना जाता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
लौंग एक प्राकृतिक उपाय है जिसे आयुर्वेद में दर्दनिवारक माना जाता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कारण होता है, जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आपको जोड़ों के दर्द की समस्या है, तो आप लौंग के तेल का उपयोग करके इसके गुणों का लाभ उठा सकते हैं।
लौंग का तेल जोड़ों के दर्द को कम करने में एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय हो सकता है। इसे सेवन करने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें और तब इसे इस्तेमाल करें। लौंग के तेल के उपयोग से आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं और अपने जीवन को सुखद बना सकते हैं।
लौंग के उपयोगी भाग, Beneficial Part of Laung (Cloves)
फूल कालिका
लौंग के प्रयोग की मात्रा
चूर्ण – 1-2 ग्राम
लौंग के तेल – 1-3 बूँद
अधिक लाभ के लिए लौंग का इस्तेमाल चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।
लौंग कहां पाया या उगाया जाता है?, Where is Laung (Cloves) Found or Grown?
लौंग (Laung), जिसे लवंग भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण मसाला है जिसका पैदा होने का स्थान मलक्का द्वीप है। यह मसाला भारत के दक्षिणी भाग में, खासतौर पर केरल और तमिलनाडु में भी उगाया जाता है। भारत में इसका अधिकांश आयात सिंगापुर से किया जाता है।
FAQs
लौंग क्या है और इसका उपयोग किस में किया जाता है?
लौंग एक मसाला है जो खाने में खुशबू और स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग होता है। इसका उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों, मसालेदार सब्जियों, मीट, चाय, और मिठाइयों में किया जाता है।
लौंग के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
लौंग के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। यह पाचन को सुधारता है, दांतों की सेहत को बनाए रखता है, और सांस की बदबू को दूर करता है।
लौंग के विभिन्न उपयोग और खाने के तरीके कौन-कौन से हैं?
लौंग को मसालेदार सब्जियों, खिचड़ी, पुलाव, चाय, और मिठाइयों में उपयोग किया जा सकता है। यह मसाला खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए जोड़ा जाता है।
लौंग का उपयोग खाने में कैसे किया जाता है?
लौंग को खाने में तड़कने के लिए उसके चटकारे को नागरिकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसका स्वाद और खुशबू खाद्य पदार्थों में एक नई दिमाग का अनुभव कराता है।
लौंग के तेल का उपयोग और फायदे क्या हैं?
लौंग के तेल को दांतों के दर्द को कम करने, मांसपेशियों को शांत करने, और मसाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह तेल सेहत को सुधारने के लिए फायदेमंद होता है।
लौंग के बारे में रोचक तथ्य और विशेषताएं?
लौंग एक छोटा सा पोषक दाना है जो खुशबूदार होता है। यह मसाले में उपयोगी होता है और दांतों की सेहत के लिए भी लाभदायक होता है।
लौंग को कैसे सही ढंग से संग्रहीत करें और इसकी रक्षा के लिए क्या उपाय हैं?
लौंग को सुखाकर एक सूखे जगह पर संग्रहीत करें और इसे धूप में सुखाएं। इसे धूपी जगहों पर रखकर कीटाणु और कीटाणु-संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है।
लौंग का उपयोग आयुर्वेद में कैसे किया जाता है?
आयुर्वेद में, लौंग का उपयोग विभिन्न औषधियों में किया जाता है और इसे विभिन्न रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।
लौंग का उपयोग खासी, सर्दी और जुखाम में कैसे किया जाता है?
लौंग को खासी, सर्दी, और जुखाम में राहत प्रदान करने के लिए इसे ताजगी से चबाकर खाया जा सकता है।
लौंग के सेवन से किस तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
लौंग का अधिक सेवन करने से उल्टी, तीव्र बढ़ा हुआ दिल की धड़कन, और त्वचा की खुजली जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए, इसे मात्रा में सेवन करना जरूरी है।
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