पुरुषों के बारे में शायद जायफल (Nutmeg in Hindi) के बारे में अधिक ज्ञान नहीं होता, लेकिन महिलाओं को जायफल के बारे में जरूर पता होता होगा। जायफल का व्यापक उपयोग अनेक अवसरों पर किया जाता है। कभी-कभी यह मसाले के रूप में उपयोग होता है और कभी बच्चों की मालिश के लिए भी। जायफल के तेल का उपयोग साबुन बनाने में भी किया जाता है। आयुर्वेद में जायफल के फायदे के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
जायफल का उपयोग शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोगी जायफल का उपयोग करके अपनी बीमारी को रोक सकता है और कई बीमारियों का उपचार कर सकता है। इसके अलावा, बच्चों के लिए भी जायफल के कई लाभ हैं। चलिए, हम जायफल से प्राप्त होने वाले सभी लाभों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
जायफल क्या है?, Nutmeg in Hindi
जायफल (Nutmeg in Hindi) एक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है। इसकी दो प्रजातियां होती हैं:
- जायफल
- जंगली जायफल
जायफल का वृक्ष हमेशा हरा रहने वाला और आरोमा से भरपूर होता है। वृक्ष के तने शयामल रंग के होते हैं, जिनमें छिद्र होता है। भीतर लाल रंग के तत्व होते हैं। इसके पत्ते लम्बे और तीक्ष्ण रंग के होते हैं। इसके फूल छोटे, सुगंधित और पीले-सफेद रंग के होते हैं। यह गोलाकार, अंडाकार लाल और पीले रंग का होता है। फल पकने पर दो भागों में विभाजित हो जाता है और इससे जायफल मिलता है।
जायफल को चारों ओर से घेरे हुए लाल रंग का एक कठोर मांसल कवच होता है, जिसे ‘जावित्री’ कहा जाता है। यह सूखने पर अलग हो जाता है। जावित्री के अंदर ही जायफल होता है, जो अंडाकार, गोल और शमायला रंग का होता है, और तेज गंधयुक्त होता है।
अनेक भाषाओं में जायफल के नाम, Name of Nutmeg in Different Languages
जायफल का वानस्पतिक नाम मिरिस्टिका प्रैंग्रेन्स (Myristica fragrans Houtt., Syn-Myristica aromatica Lam., Myristica officinalis Mart) है। यह मिरिस्टिकेसी (Myristicaceae) कुल का है। इसे और भी कई नाम से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Names of Nutmeg in different languages
- जायफल (Nutmeg in Hindi) का हिंदी में नाम – जायफल, जायफर
- जायफल (Nutmeg) का अंग्रेजी में नाम – नट् मेग (Nutmeg), फॉल्स एरिल (False aril), प्रैंग्रैन्ट नट ट्री (Fragrant nut tree), ट्रू नटमेग (True nutmeg), मैक ट्री (Mac tree)
- जायफल (Nutmeg) का संस्कृत में नाम – जातीफल, मालतीफल
- जायफल (Nutmeg) का उड़िया में नाम – जायफोलो (Jaipholo)
- जायफल (Nutmeg) का कन्नड़ में नाम – जाजीकाय (Jajikaya)
- जायफल (Nutmeg) का गुजराती में नाम – जायफल (Jayaphal)
- जायफल (Nutmeg) का तेलुगु में नाम – जाजीकाय (Jajikaya), जाजीपत्री (Jajipattiri)
- जायफल (Nutmeg) का तमिल में नाम (mace meaning in tamil) – अडिपलम (Adipalam), अट्टिगम (Attigam)
- जायफल (Nutmeg) का नेपाली में नाम – जाइफल (Jaiphal)
- जायफल (Nutmeg) का पंजाबी में नाम – जयफल (Jayphala)
- जायफल (Nutmeg) का मराठी में नाम (nutmeg in marathi) – जायफल (Jayaphala), बांडा जायफल (Banda jayaphala)
- जायफल (Nutmeg) का मलयालम में नाम (nutmeg in malayalam) – जाति (Jati)
जायफल के फायदे, Nutmeg Benefits and Uses
जायफल (Nutmeg) के औषधीय प्रयोग का तरीका, मात्रा एवं विधियाां ये हैं-
बाल रोग में उपयोगी जायफल का सेवन , Nutmeg Benefits for Baby Problem
जायफल और मायाफल के बराबर-बराबर चूर्ण को आहुति देते हुए धीमी आग पर भून लें। इसमें बारह भाग मिश्री मिला लें। इसे प्रतिदिन सुबह दूध के साथ बच्चों को 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन कराएं। इससे उनकी शारीरिक शक्ति वृद्धि होती है और उनके रोग ठीक होते हैं।
स्तनपान बंद (बच्चों को दूध पीना छुड़ाने) करने के लिए जायफल का प्रयोग, Nutmeg Benefits for Weaning Off in Baby
आमतौर पर देखा जाता है कि जब माताएं छोटे बच्चों को दूध पीने से छुड़ाना चाहती हैं, तो बच्चे आसानी से दूध छोड़ने को तैयार नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में जायफल आपकी मदद कर सकता है। बच्चों को दूध पीने से छुड़ाने के लिए जायफल का उपयोग किया जा सकता है। यह उपाय लाभदायक साबित हो सकता है। उपयोग से संबंधित किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
सेक्सुअल पॉवर (पुरुषत्व या मर्दाना ताकत) बढ़ाने में जायफल के फायदे, Benefits of Nutmeg to Increase Sexual Power
कई लोगों को मर्दाना ताकत की कमी होने की शिकायत होती है। इस तरह के लोग पुरुषत्व (मर्दाना ताकत) को बढ़ाने के लिए जायफल का उपयोग कर सकते हैं। जायफल, अकरकरा, जावित्री, इलायची, कस्तूरी, और केसर को दूध में मिला कर पकाएं। इस मिश्रण को मिश्री के साथ दूध के साथ पिएं। इससे पुरुषत्व शक्ति (मर्दाना ताकत) में वृद्धि हो सकती है।
मुंह के छाले की समस्या में जायफल का उपयोग, Ground Nutmeg Benefits to Treat Mouth Ulcers
मुंह के छालों को ठीक करने के लिए ताजे जायफल के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करें। यह आमतौर पर जानी जाती है कि इस तरह के नुस्खों से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
चेहरे के दाग-धब्बों (झाईयां) में जायफल के फायदे, Nutmeg Benefits to Treat Skin Scars
जायफल को पीसकर (Ground nutmeg) शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग और धब्बे मिटते हैं। यह एक प्रसिद्ध तरीका है जिसके अनुसार चेहरे पर जायफल का उपयोग करके त्वचा की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।”
बिवाई (हाथ-पैर की त्वचा के फटने) में जायफल से लाभ, Nutmeg Benefits for Cracked Heal
सर्दी के मौसम में आमतौर पर हमारे हाथों और पैरों की त्वचा फट जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए, जायफल को जल में घिसकर पैरों पर लगाएं। इससे हमारी त्वचा की फटी हुई बिवाइयां ठीक हो जाती हैं।
त्वचा रोग में जायफल से लाभ, Nutmeg Benefits for Skin Disease
सर्दी के मौसम में आमतौर पर हमारे हाथों और पैरों की त्वचा फट जाती है। त्वचा की यह समस्या सुलझाने के लिए, जायफल को जल में घिसकर पैरों पर लगाएं। इस उपाय से हमारे पैरों की फटी हुई बिवाइयां ठीक हो जाती हैं।
मुंह से बदबू आने पर जायफल से लाभ, Ground Nutmeg Benefits to Cure Mouth Smell
कूठ, कमल, जावित्री और जायफल के चूर्ण को बराबर-बराबर भाग में लें और 500 मिग्रा की गोली के रूप में इसे बनाएं। इस गोली को चबाकर सेवन करने से मुंह से आने वाली दुर्गंध की समस्या में आराम मिलता है।
दांत दर्द में फायदेमंद जायफल का उपयोग, Nutmeg Benefits for Dental Pain
जायफल के तेल में भिगोयी हुई रूई के फाहे को दांतों के बीच में रखें और उन्हें दबाएं। इस उपाय से दांतों के दर्द में आराम मिलता है।
माइग्रेन (आधासीसी) में जायफल का उपयोग लाभदायक, Benefits of Nutmeg in Migraine
जायफल के छिलके को वनफ्सा के तेल में पीसने के बाद, यह बनाया गया मिश्रण 1-2 बूंद नाक में डालने से आधासीसी (अधकपारी) के दर्द में आराम प्रदान करता है। यह एक सूक्ष्म औषधीय उपाय है, जो कि जायफल के छिलके में पायी जाने वाली गुणों का उपयोग करता है। यह विशेष रूप से आधासीसी के दर्द के लिए प्रभावी माना जाता है।
सिर दर्द में जायफल के औषधीय गुण से लाभ, Uses of Nutmeg in Relief from Headache
जायफल (नटमेग) का उपयोग सिरदर्द में भी अत्यंत लाभकारी साबित होता है। आप जायफल को पानी में घिसकर उसे सिर पर लगा सकते हैं। यह तरीका सिरदर्द को शीघ्र ही ठीक करने में मदद करता है।
कान के रोग में जायफल के औधषीय गुण से फायदे , Ground Nutmeg Uses to Cure Ear Disease
- कान के दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए जायफल को पीसकर कान के पीछे लगाएं।
- जायफल को तेल में उबालकर छानें और इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालने से कान की बीमारी ठीक होती है।
गर्भावस्था के लक्षण
खांसी में जायफल के गुण से लाभ, Nutmeg Powder Uses in Fighting with Cough
खांसी का इलाज करने के लिए, 500 मिग्रा जातिफलादि चूर्ण में मधु (शहद) मिलाकर सेवन करें। इससे खांसी, सांसों का फूलना, भूख की कमी, टीबी के रोग, और वात-कफ विकार से होने वाले सर्दी-जुकाम में लाभ मिलता है।
अधिक प्यास लगने की परेशानी में जायफल का उपयोग फायदेमंद, Nutmeg Benefits for Thirsty Problem
जायफल को रात भर ठंडे पानी में डूबो कर रखें। सुबह 5-10 मिली मात्रा में इस पानी को पिलाने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है।
भूख बढ़ाने के लिए जायफल का प्रयोग, Ground Nutmeg Benefits for Appetite Problem
कंकोल, देवदारू, दालचीनी, सेंधा नमक, बेल, मरिच, जायफल, जीरक-द्वय और जावित्री को बराबर-बराबर भाग में लें। इन्हें चूर्ण (मेस पाउडर) की रूप में पिस लें। 250 मिग्रा की गोलियों को इनमें मातुलुंग नींबू के रस के साथ मिलाकर बना लें। इसका सेवन करने से अरुचि (भूख की कमी) और दस्त की परेशानी में लाभ होता है। जायफल को पानी में घिसकर पिलाने से जी मिचलाना दूर होता है।
पाचनतंत्र विकार में जायफल से लाभ, Nutmeg Powder Uses in Indigestion
- जायफल के 500 मिग्रा चूर्ण (Ground nutmeg) को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- जायफल, जौ, नागरमोथा और बेल के बराबर-बराबर भागों में चूर्ण (1-3 ग्राम) को छाछ के साथ सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है और ग्रहणी रोग में लाभ होता है।
पेट के रोग में जायफल के औषधीय गुण से फायदा, Uses of Nutmeg for Stomach Disease
- पेट की बीमारी में 1-2 जातिफलादि वटी को सुबह और शाम में सेवन करें। इससे पेट की बीमारी में लाभ होता है।
- पेट दर्द की परेशानी में 1-2 बूंद जायफल तेल को बताशे में डालकर खिलाएं। इससे पेट दर्द से आराम मिलता है।
दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल का इस्तेमाल, Ground Nutmeg Benefits to Stop Diarrhea
- जायफल और सोंठ को बराबर-बराबर भाग में लें (500 मिग्रा)। इसे जल में घिसकर सेवन करने से दस्त ठीक हो जाता है। सेवन के दौरान स्वस्थ भोजन करना जरूरी है।
- दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल को घिसकर नाभि में लगाएं। इससे दस्त की गंभीर बीमारी तुरंत ठीक हो जाती है।
- दस्त को ठीक करने के लिए, जायफल, लौंग, सफेद जीरा और सुहागा के 1 ग्राम चूर्ण में मधु और मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है।
- इसी तरह, सभी तरह के दस्त को ठीक करने के लिए सुबह और शाम छाछ के साथ 1-2 जातिफलादि वटी का सेवन करें।
- 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण में शहद मिलाकर खाने से पेट की गैस और दस्त की समस्या से आराम मिलता है।
- उल्टी और दस्त की बीमारी में, 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण में घी और खांड मिलाकर चाटें। इससे लाभ होता है।
लकवा (पक्षाघात) में जायफल का औधषीय गुण फायदेमंद , Nutmeg Benefits for Paralysis
लकवे की बीमारी में भी जायफल का उपयोग किया जा सकता है। जायफल को मुंह में रखकर चूसने से लकवा रोग में लाभ होता है।
जायफल का प्रयोग कर गठिया का इलाज, Uses of Nutmeg for Arthritis
जायफल (Nutmeg) या जावित्री तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे जकड़न, मोच, गठिया, लकवा जैसे रोगों में लाभ होता है।
जायफल के उपयोगी भाग, Useful Parts of Nutmeg
जायफल (Nutmeg) का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-
- जायफल बीज (नटमेग)
- बीजचोल (मेस)
- तेल
जायफल का इस्तेमाल कैसे करें?, How to Consume Nutmeg?
जायफल का इस्तेमाल इतनी मात्रा में करनी चाहिएः-
- जायफल चूर्ण (Ground nutmeg) – 0.5-1 ग्राम
- तेल- 1-3 बूंद
थायराइड के लक्षण
किसे जायफल का उपयोग नहीं करना चाहिए?, Who Should Not Use Nutmeg?
जायफल के नुकसान से बचने के लिए इन लोगों को जायफल का उपयोग नहीं करना चाहिएः
- गर्भावस्था में जायफल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- एलर्जी की शिकायत वाले लोगों को चिकित्सक से सलाह लेकर जायफल का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा संबंधित विकार हो सकता है।
जायफल के साइड इफेक्ट, Nutmeg Side Effects
आयुर्वेद के अनुसार, जायफल के ये नुकसान भी हो सकता हैः
- इसकी 5 ग्राम या उससे अधिक मात्रा का प्रयोग करने पर हिचकी, बहुत अधिक प्यास लगना, पेट दर्द, मानसिक विकार, व्याकुलता, बेहोशी, द्विरूपता (दोहरी दृष्टि), लीवर संबंधित परेशानी हो सकती है।
- इससे मृत्यु भी हो सकती है।
- जायफल (Nutmeg) के बीज का चूर्ण अत्यधिक कामोद्दीपक होता है, और अधिक मात्रा में इसका प्रयोग नुकसान पहुंचा सकता है।
जायफल कहां पाया या उगाया जाता है?, Where is Nutmeg Found or Grown?
जायफल की खेती कई स्थानों पर की जाती है। भारत में जायफल (Nutmeg) 750 मीटर तक की ऊँचाई पर जायफल के वृक्ष (Nutmeg Tree) पाए जाते हैं। इसका पुष्पकाल और फलकाल दिसंबर से मई तक रहता है। विश्व में मलया, प्रायद्वीप, सुमात्रा, जावा, सिंगापुर, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, और दक्षिण और पूर्वी मोलूक्कास में जायफल की खेती होती है।
FAQs
जायफल (Nutmeg) क्या है और इसका उपयोग किस प्रकार होता है?
जायफल (Nutmeg) एक मसाला है जो नटमेग पेड़ से प्राप्त होता है। इसका उपयोग भोजन और रसोईघर में खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है।
जायफल (Nutmeg) का स्वाद कैसा होता है?
जायफल (Nutmeg) का स्वाद मधुर और तीखा होता है। इसमें गंधकी सूत्रधारक और ताजगी के रस होते हैं।
जायफल (Nutmeg) का उपयोग किन-किन व्यंजनों में होता है?
जायफल (Nutmeg)को गर्म मसाले, नमकीन पदार्थ, मिठाइयों, नाश्तों, चॉकलेट, गर्म पेय और फलों के सैलड में उपयोग किया जाता है।
जायफल (Nutmeg) के स्वास्थ्य लाभ क्या-क्या हो सकते हैं?
जायफल (Nutmeg) में कई स्वास्थ्य लाभकारी गुण होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और प्रोबायोटिक गुण पाए जाते हैं। यह पाचन सुधारता, मस्तिष्क स्वास्थ्य, गठिया के लिए लाभकारी हो सकता है और मसूड़ों की समस्याओं को दूर कर सकता है।
जायफल (Nutmeg) को कैसे उपयोग किया जाता है?
जायफल (Nutmeg) को पौधरोपण, मसाला बनाने, पाउडर बनाने, ताजगी के रस के रूप में और खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
जायफल (Nutmeg)के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएं?
जायफल (Nutmeg) छोटी गोलकार दालचीनी के पेड़ से प्राप्त होता है। यह आकर्षक गहरा लाल रंग होता है और यह अपने मधुर और तीखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।
जायफल (Nutmeg)को कैसे स्टोर किया जाता है?
जायफल (Nutmeg) को सुखे और ठंडे स्थान पर रखना चाहिए। इसे सील्ड कंटेनर में रखें ताकि वायु और आरसी के प्रभाव से इसकी सुरक्षा हो सके।
जायफल (Nutmeg)का सही मात्रा क्या होती है?
जायफल (Nutmeg) की सही मात्रा का उपयोग आपके व्यंजन और प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा। सामान्यतः, यह 1 चम्मच या आधी चम्मच के बराबर मात्रा में उपयोग की जाती है।
जायफल (Nutmeg) के उपयोग से संबंधित सावधानियां और साइड इफेक्ट्स?
जायफल (Nutmeg)को उचित मात्रा में ही उपयोग करें, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन नकारात्मक प्रभाव दे सकता है। गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और लोगों को जिन्हें पेट संबंधी समस्याएं हैं, नटमेग का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
जायफल (Nutmeg) के बदले में अन्य मसाले का उपयोग किया जा सकता है?
जायफल (Nutmeg) का बदले में लौंग, दालचीनी या जायफल का उपयोग किया जा सकता है। यह उपयोगी विकल्प हो सकते हैं जब नटमेग उपलब्ध न हो।
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