शनिदेव की आरती, Shani Aarti
हफ्ते के सातों दिन देवी-देवताओं के अधीन, शनिदेव को समर्पित हैं। उनकी पूजा आपको विशेष कृपा प्रदान करती है। शनिदेव के प्रभाव से सभी, देवता या असुर, प्रभावित होते हैं। इसलिए, शनिवार उनकी विशेष पूजा का दिन है।
Shani Aarti : शनिदेव से बचाव और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए शनिवार महत्वपूर्ण है। इस दिन के विशेष उपाय और धार्मिक कार्यों से शनि के दोष को शांत किया जा सकता है। शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए, आप शनिवार को श्री शनिदेव जी की आरती करें।
शनि आरती हिंदी में, Shani Aarti Lyrics
शनिवार का दिन शनि देव के नाम समर्पित होता है। विधिपूर्वक उनकी पूजा की जाती है। शनि देव की पूजा से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि शनि देव के अशुभ प्रभावों से अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यदि शनि देव प्रसन्न हो जाएं, तो उनके शुभ प्रभाव से सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए, हर शनिवार को शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा के साथ ही शनि देव की आरती भी करनी चाहिए। शनि देव की आरती गाने से घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यहां शनि देव की आरती के शब्द दिए जा रहे हैं, जिनका आप पूजा के समय उच्चारण कर सकते हैं।
शनिदेव की आरती, Shani Dev ki Aarti
|| शनि देव की आरती ||
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….
जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
जय जय श्री शनि देव….
अम्बे जी की आरती
Shani Dev ki Aarti , इन बातों का ध्यान रखें
शनि देव की आरती के पाठ से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें याद रखें। शुद्धता के नियमों का पालन करें आरती के पहले। आरती के बाद श्रीकृष्ण, भगवान शिव और हनुमान जी का स्मरण करें। उसके बाद प्रसाद वितरित करें। शनिवार के दिन शनि देव से संबंधित दान भी करें। इस दिन शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि मंत्र और शनि चालीसा से सभी संकटों का निवारण होता है। शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है।