Thyroid symptoms in hindi: थायराइड के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज

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थायराइड के लक्षण, Thyroid symptoms in hindi

Thyroid symptoms in hindi: थायरॉइड से संबंधित बीमारी आमतौर पर अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन जीने के कारण होती है। आयुर्वेद के अनुसार, थायरॉइड संबंधित रोग वात, पित्त और कफ दोषों के कारण होते हैं। जब शरीर में वात और कफ दोष होता है, तो व्यक्ति को थायरॉइड होता है। आप थायरॉइड का आयुर्वेदिक इलाज आजमा सकते हैं। आयुर्वेदिक उपचार द्वारा वात और कफ दोष को संतुलित किया जाता है। अच्छी बात यह है कि थायरॉइड के घरेलू उपचार भी मौजूद हैं।

Table of Contents

एलोपैथिक चिकित्सा में थायरॉइड विकार के लिए स्टीरॉयड्स का सेवन किया जाता है, जो हानिकारक हो सकता है। इसलिए थायरॉइड को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे अधिक सलाहित मानी जाती है।

थायरॉइड क्या है?, What is Thyroid ?

थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली गड़बड़ी के कारण हमें Hyperthyroidism और Hypothyroidism जैसे थायरॉइड से संबंधित रोग हो सकते हैं। Thyroid gland को अवटु ग्रंथि भी कहा जाता है और यह मानव शरीर में पायी जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथि में से एक है।

यह ग्रंथि हमारे गले के नीचे स्थित Cricoid Cartilage के लगभग समान स्तर पर रची होती है। थायरॉइड ग्रंथि शरीर की पाचन क्रिया में विशेष योगदान करती है।

इस ग्रंथि से Tri–iodothyronin (T3) और Thyrocalcitonin नामक हार्मोन स्रावित होते हैं। ये हार्मोन शरीर के पाचन दर और अन्य विकास प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की सभी क्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है।

Thyroid symptoms in hindi

थायरॉइड हार्मोन का काम, Thyroid Works in Hindi

थायरॉइड से आपके शरीर को निम्नलिखित फायदे होते हैं:

  • थायरॉक्सिन (थायरॉक्सिन) हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के पाचन को नियंत्रित करता है।
  • यह रक्त में शुगर, कोलेस्ट्रॉल और फॉस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है।
  • यह हड्डियों, पेशियों, जननांगों और मानसिक विकास को नियंत्रित करता है।
  • यह हृदय की धड़कन और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
  • यह महिलाओं में स्तनों से दूध के निर्माण को बढ़ाता है।

थायरॉइड रोग के प्रकार, Thyroid Types in Hindi

थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली विकार दो प्रकार के होते हैं:

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyroidism):

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण T4 और T3 हार्मोन का अतिरिक्त उत्पादन होता है। जब ये हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं, तो शरीर ऊर्जा का अधिक उपयोग करने लगता है। इसे हाइपरथायरॉइडिज़म कहा जाता है। यह समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

  • चयापचय तेज हो जाता है और कार्यों की गति बढ़ती है: थायरॉइड ग्रंथि अतिसक्रिय होने से शरीर के मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है, जिससे खाना जल्दी पच जाता है और कार्यों की गति तेज होती है।
  • घबराहट: हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण शरीर में अत्यधिक ऊर्जा का उपयोग होता है, जिसके कारण व्यक्ति घबराहट महसूस करता है।
  • चिढ़चिढ़ाहट: अतिसक्रियता के कारण व्यक्ति चिढ़चिढ़ाहट और अधिक गुस्से का अनुभव कर सकता है।
  • अत्यधिक पसीना: हाइपरथायरॉइडिज़म के बाद व्यक्ति को अधिक पसीना आ सकता है।
  • हाथों का कांपना: हाथों का कांपना एक अन्य लक्षण हो सकता है, जो हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण होता है।
  • बालों का पतला होना और झड़ना: हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण बालों की गुणवत्ता कम हो जाती है और झड़ने का समायोजन खराब हो जाता है।
  • अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी): हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को नींद नहीं आती है या उसे परेशानी होती है नींद में ठहरने में।
  • मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द रहना: हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • दिल की धड़कन बढ़ना: थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता से व्यक्ति की दिल की धड़कन बढ़ सकती है।
  • बहुत भूख लगने के बावजूद वजन घटता है: हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को अत्यधिक भूख लगती है, लेकिन उसका वजन कम होता है।
  • महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता: हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता हो सकती है।
  • ओस्टियोपोरोसिस: हाइपरथायरॉइडिज़म के कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी हो जाती है, जिससे ओस्टियोपोरोसिस नामक समस्या हो सकती है।

थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता (हाइपोथायरॉइडिज़म):

थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता के कारण हाइपोथायरॉइडिज़म होता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

  • धड़कन की धीमी गति: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति की धड़कन की गति कम हो सकती है।
  • हमेशा थकान: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को हमेशा थकान महसूस होती है।
  • अवसाद: थायरॉइड की अल्पसक्रियता द्वारा मनोविज्ञानिक समस्या जैसे अवसाद का उपजाने संभावना होती है।
  • सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है।
  • मेटाबोलिज्म धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति का मेटाबोलिज्म कम हो जाता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
  • नाखूनों का पतला होना और टूटना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण नाखूनों की गुणवत्ता कम हो जाती है और टूटने की समस्या हो सकती है।
  • पसीने में कमी: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को पसीने में कमी का अनुभव हो सकता है।
  • त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण त्वचा सूखी हो सकती है और खुजली की समस्या हो सकती है।
  • जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न का अनुभव हो सकता है।
  • बालों का अधिक झड़ना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण बालों का अधिक झड़ने का समायोजन खराब हो सकता है।
  • कब्ज: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • आँखों में सूजन: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण आंखों में सूजन हो सकती है।
  • बार-बार भूलना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को बार-बार भूलने की समस्या हो सकती है।
  • कन्फ्यूज रहना, सोचने-समझने में असमर्थ होना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को कन्फ्यूज होने की समस्या हो सकती है और सोचने-समझने में असमर्थ हो सकता है।
  • मासिक धर्म में अनियमितता: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता हो सकती है, जिसके कारण 28 दिन की साइकिल से लंबा समय लग सकता है।
  • चेहरे और आँखों में सूजन: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति को चेहरे और आँखों में सूजन का अनुभव हो सकता है।
  • खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाना: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण व्यक्ति के खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।
  • महिलाओं में इसके कारण बांझपन आ सकता है: हाइपोथायरॉइडिज़म के कारण महिलाओं को बांझपन की समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था के लक्षण

थायरॉइड रोग होने के कारण , Thyroid ke Lakshan

थायरॉइड होने के कारण हो सकते हैंः

  • अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid hormone) की सक्रियता पर असर पड़ता है।
  • आहार में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायरॉइड ग्रंथियाँ विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।
  • यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। यदि परिवार के दूसरे सदस्यों को भी यह समस्या रही हो, तो परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो सकती है।
  • महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन देखा जाता है, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।
  • भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल करने के कारण।

थायरॉइड होने के अन्य कारण (Other Causes of Thyroid):

  • हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease): यह रोग थायरॉइड ग्रंथि के किसी एक भाग को निक्रिय बना देता है।
  • थायरॉइड ग्रंथि में सूजन (Thyroiditis): यह थायरॉइड ग्रंथि में सूजन आने के कारण होता है। शुरुआत में इसमें थाइरॉइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है, और बाद में इसमें कमी आ जाती है। इस कारण हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) हो जाता है। कईं बार यह महिलाओं में गर्भावस्था के बाद देखा जाता है।
  • आयोडीन की कमी: आहार में आयोडिन की कमी के कारण हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) हो जाता है, इसलिए आयोडिन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • ग्रेव्स रोग (Graves’ disease): ग्रेव्स रोग व्यस्क लोगों में हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) होने का मुख्य कारण है। इस रोग में शरीर की रोग प्रतिक्षा प्रणाली ऐसे एंटीबायोडिट्स (Antibodies) का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। यह अनुवांशिक बीमारी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।
  • गण्डमाला रोग (Goitre): यह बीमारी घेंघा रोग के कारण भी हो सकती है।
  • विटामिन बी12 (Vitamin B12): विटामिन बी12 के कारण भी हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) हो सकता है।

थायरॉइड रोग का घरेलू इलाज करने के उपाय, Home Remedies for Thyroid Disease

थायरॉइड को ठीक करने के लिए आप ये घरेलू उपचार आजमा सकते हैं:

  • थायरॉइड का इलाज मुलेठी से: मुलेठी का सेवन करें। मुलेठी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड थायरॉइड कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है।
  • थायरॉइड का इलाज अश्वगंधा चूर्ण से: रात को सोते समय एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ लें। इसकी पत्तियों या जड़ को भी पानी में उबालकर पी सकते हैं। अश्वगंधा हार्मोन्स के असंतुलन को दूर करता है।
  • थायरॉइड का घरेलू उपचार तुलसी से: दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच ऐलोवेरा जूस मिला कर सेवन करें। इससे थायरॉइड रोग ठीक होता है।
  • थायरॉइड का घरेलू इलाज हरी धनिया से: हरी धनिया को पीसकर एक गिलास पानी में घोल कर पिएं। इससे थायरॉइड रोग से आराम मिलेगा।
  • थायरॉइड के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग: प्रतिदिन एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। यह बहुत फायदेमंद होता है।
  • थायरॉइड की बीमारी का इलाज हल्दी और दूध से: प्रतिदिन दूध में हल्दी पका कर पीने से भी थायरॉइड का उपचार होता है।
  • थायरॉइड के लिए लौकी का उपयोग: खाली पेट लौकी का जूस पीने से थायराइड रोग में उत्तम काम करता है। यह रोग को शांत करता है।
  • थायरॉइड के इलाज के लिए काली मिर्च का सेवन: नियमित रूप से भोजन में थोड़ी मात्रा में काली मिर्च का सेवन करें। यह थायरॉइड के घरेलू उपचार में सहायक होती है।
  • थायरॉइड की समस्या में आराम पहुंचाता है नारियल का तेल: नारियल के तेल का उपयोग थायरॉइड की क्रिया शीलता को बनाये रखने में मदद करता है।
  • थायरॉइड के इलाज में सहायक है नारियल का तेल: नारियल के तेल का उपयोग थायरॉइड की क्रिया शीलता को बनाये रखने में मदद करता है।
  • थायरॉइड के इलाज में शिग्रु पत्र, कांचनार और पुनर्नवा का काढ़ा: कांचनार, शिग्रु पत्र और पुनर्नवा इन सभी हर्ब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो थायरॉइड की सूजन में आराम देती है।
  • थायरॉइड की समस्या में आराम पहुंचाता है अलसी का चूर्ण: अलसी के चूर्ण में पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 पाया जाता है जो थायरॉइड के कार्य को नियंत्रित करने में मदद करता है।

थायरॉइड के दौरान आपका खान-पान, Diet in Thyroid Disease

यहां थायरॉइड की समस्या के दौरान आपके आहार के बारे में एकान्त और जानकारीपूर्ण ढंग से परामर्श है:

  • थायरॉइड रोग में, कम मोटापे वाले आहार का सेवन करना उचित होता है।
  • अपने भोजन में अधिक से अधिक फल और सब्जीयों को शामिल करें ताकि थायरॉइड समस्याओं को बेहतर नियंत्रित किया जा सके।
  • विशेष रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें क्योंकि इनमें सही मात्रा में आयरन होता है, जो थायरॉइड रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार चुनें, क्योंकि इससे थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जैसे कि खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले खनिज तत्व और विटामिन।
  • आयोडिन युक्त आहार का सेवन करें, जो थायरॉइड स्वास्थ्य को समर्थन प्रदान करता है।
  • बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों जैसे ड्राई फ्रूट्स का अधिक सेवन करें, क्योंकि ये कॉपर की पर्याप्त मात्रा प्रदान करते हैं, जो थायरॉइड के लिए फायदेमंद होता है।
  • थायरॉइड के घरेलू उपचार के रूप में दूध और दही की अधिक मात्रा में सेवन करें।
  • थायरॉइड के घरेलू इलाज के लिए विटामिन-ए की अधिक मात्रा का सेवन करें। आप इसके लिए गाजर का सेवन कर सकते हैं।
  • साबुत अनाज का सेवन करें, जो फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स की उचित मात्रा प्रदान करता है।
  • मुलेठी में मौजूद तत्व थायरॉइड ग्रंथि को संतुलित बनाने में मदद करता है और यह थायरॉइड कैंसर के विकास को रोकता है।
  • गेहूं और ज्वार का सेवन करें।

थायरॉइड के दौरान जीवनशैली, Lifestyle for Thyroid Disease

थायराइड के दौरान, जीवनशैली में बदलाव करने का सुझाव दिया जाता है। इसका मतलब है कि आपको अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है, जो आपकी थायराइड स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

  • तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें: थायराइड समस्याएं तनाव के कारण बढ़ सकती हैं। इसलिए, आपको तनाव को कम करने के लिए सामर्थ्य के अनुसार कोशिश करनी चाहिए। योग, मेडिटेशन, विभिन्न संगीत और आराम करने की तकनीकें आपको तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • योगासन करें: योग एक प्राकृतिक ध्यान और शारीरिक अभ्यास का एक प्रकार है जो आपको थायराइड समस्याओं के संचालन में मदद कर सकता है। प्राणायाम, आसन और मुद्राएं थायराइड के समर्थन में उपयोगी हो सकती हैं। योग के अभ्यास से आपका शरीर और मन संतुलित होते हैं और थायराइड स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है।

थायरॉइड के लिए परहेज, Avoid These in Thyroid

जंक फूड और प्रिजर्वेटिव युक्त आहार का सेवन करना थायराइड स्वास्थ्य के लिए अनुचित होता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में तेल, शक्कर, आयोडाइज़्ड और अन्य अपूर्ण तत्व होते हैं, जो थायराइड के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। प्रिजर्वेटिव युक्त आहार में भी अत्यधिक नमक, आयोडाइज़्ड, और अन्य तत्व होते हैं जो थायराइड स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

धूम्रपान और एल्कोहल जैसे नशीले पदार्थों का सेवन भी थायराइड समस्याओं के लिए हानिकारक हो सकता है। धूम्रपान वाले व्यक्ति में निकोटीन और अन्य विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है, जो थायराइड के संचालन को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकते हैं। एल्कोहल उच्च मात्रा में शराब, शराबी द्रव्य और आयोडाइज़्ड को शामिल कर सकता है, जो थायराइड स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है।

इसलिए, थायराइड स्वास्थ्य के लिए उचित है कि आप जंक फूड, प्रिजर्वेटिव युक्त आहार, धूम्रपान और एल्कोहल जैसे नशीले पदार्थों का सेवन कम से कम करें या इन्हें पूरी तरह से छोड़ दें। इसके बजाय, आपको स्वस्थ और पूरे पोषण से भरपूर आहार की ओर ध्यान देना चाहिए, जिसमें फल, सब्जी, पूरे अनाज, और प्राकृतिक पदार्थों की खाद्य सामग्री शामिल हो।

योगासन से थायरॉइड का उपचार, Yoga for Thyroid Disease

थायराइड का घरेलू उपचार करने के लिए योग भी एक विकल्प है, जो निम्नलिखित फायदे प्रदान करता है:

नियमित रूप से प्राणायाम और ध्यान करें: योगासन के साथ-साथ, प्राणायाम और ध्यान अभ्यास भी थायराइड समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, उज्जायी, और कपालभाति प्राणायाम सामर्थ्यपूर्ण हो सकते हैं। ध्यान के माध्यम से आप शांति और संतुलन प्राप्त करके थायराइड को सुधार सकते हैं।

  • सूर्य नमस्कार करें: सूर्य नमस्कार एक सम्पूर्ण व्यायाम प्रणाली है जो शरीर को सक्रिय करने और थायराइड स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है। यह व्यायाम पूरे शरीर को संतुलित रखता है और प्राकृतिक रूप से हार्मोन स्तर को स्थिर करने में मदद करता है।
  • पवनमुक्तासन करें: पवनमुक्तासन थायराइड ग्रंथि की मालिश करता है और उसकी कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करता है। इस आसन से पेट की चर्बी कम होती है और थायराइड समस्या में आराम मिलता है।
  • सर्वांगासन करें: सर्वांगासन एक महत्वपूर्ण योगासन है जो थायराइड को सुधारने में मदद कर सकता है। इस आसन से ग्रंथि का कार्य सुधारता है और प्राकृतिक रूप से हार्मोन स्तर को बैलेंस करता है।
  • उष्ट्रासन करें: उष्ट्रासन थायराइड को संतुलित करने में मदद कर सकता है। यह आसन ग्रंथि को स्वस्थ बनाने में मदद करता है और श्वसन प्रणाली को सक्रिय करता है।
  • हलासन करें: हलासन थायराइड समस्याओं के लिए लाभकारी हो सकता है। यह आसन ग्रंथि को मालिश करता है और शरीर को शांति प्रदान करता है, जिससे हार्मोन स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है।
  • मत्स्यासन करें: मत्स्यासन थायराइड समस्या के लिए उपयुक्त हो सकता है। यह आसन ग्रंथि के कार्य को सुधारता है और शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
  • भुजंगासन करें: भुजंगासन थायराइड समस्याओं के लिए लाभकारी हो सकता है। यह आसन ग्रंथि को स्वस्थ रखता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

योगासनों को अपने स्वास्थ्य परिस्थितियों और शरीर की क्षमता के आधार पर करने से पहले एक योग गुरु से परामर्श करना अनिवार्य है। व्यायाम करते समय सतर्क रहें और अपने शरीर की सीमाओं को ध्यान में रखें।

थायराइड का संक्षिप्त सारांश

थायराइड एक ग्रंथि है जो हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन निर्माण करती है। थायराइड समस्या एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो हमारी जीवनशैली, आहार और अन्य कारकों के कारण हो सकती है। यह समस्या महिलाओं में अधिक पायी जाती है।

थायराइड के लक्षणों में थकान, मोटापा, शारीरिक तंगी, तेजी से गर्मी या ठंड, दिल की धड़कन में बदलाव, चिड़चिड़ापन, व्यायाम करने में कठिनाई और मानसिक समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

थायराइड के उपचार में दवाओं, रेडियोयोडीन थेरेपी और सर्जरी शामिल हो सकती हैं, लेकिन इसके साथ-साथ योग, प्राणायाम और आहार में बदलाव भी मददगार साबित हो सकते हैं।

थायराइड समस्या के लिए स्वस्थ खान-पान, पूर्ण नींद, धूम्रपान और अल्कोहल से बचना, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और नियमित चेकअप आवश्यक होते हैं। इससे थायराइड को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

थायराइड समस्या को नजरअंदाज न करें, बल्कि अपने डॉक्टर से सलाह लें और उपचार के लिए उचित देखभाल करें। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर थायराइड की समस्या को नियंत्रित करना संभव होता है और आपको एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली का आनंद लेने में मदद मिलती है।

FAQs

 

Thyroid क्या है?

थायराइड एक ग्रंथि है जो हमारे गले के नीचे स्थित होती है और थायराइड हार्मोन निर्माण करती है, जो हमारे शरीर की ऊर्जा, मेटाबॉलिज्म और अन्य क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

Thyroid समस्याओं के क्या कारण हो सकते हैं?

थायराइड समस्याओं के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि ऑटोइम्यून रोग, योग्यकारक आहार की कमी, गले की ज्वर, रसायनिक पदार्थों का प्रयोग, ग्रंथि के विकार आदि।

Thyroid के लक्षण क्या होते हैं?

थायराइड समस्या के लक्षण में थकान, मोटापा, शारीरिक तंगी, तेजी से गर्मी या ठंड, दिल की धड़कन में बदलाव, चिड़चिड़ापन, व्यायाम करने में कठिनाई और मानसिक समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

थायराइड रोग के प्रकार क्या हैं?

थायराइड के प्रमुख रोग हाइपरथायराइडिज़म और हाइपोथायराइडिज़म हैं। हाइपरथायराइडिज़म में थायराइड ग्रंथि अधिक हार्मोन उत्पन्न करती है, जबकि हाइपोथायराइडिज़म में हार्मोन की कमी होती है।

Thyroid रोग का निदान कैसे होता है?

थायराइड रोग का निदान डॉक्टर द्वारा क्लिनिकल चेकअप, थायराइड फंक्शन टेस्ट और उपयुक्त इमेजिंग टेस्ट जैसे परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है।

Thyroid के उपचार में कौन-कौन से विकल्प हैं?

थायराइड के उपचार में दवाओं, रेडियोयोडीन थेरेपी, सर्जरी और प्राकृतिक उपचार (जैसे आहार परिवर्तन, योग आदि) शामिल हो सकते हैं।

Thyroid समस्याओं के लिए आहार में कौन-कौन से पदार्थ सहायक हो सकते हैं?

थायराइड समस्याओं के लिए आहार में जैसे कि योगराज घुटने, सेलरी, नारियल पानी, खजूर, खीरा, सेब, ब्रोकली, नींबू, खाजू, अनार और शहद जैसे पदार्थ सहायक हो सकते हैं।

Thyroid की समस्या से बचने के लिए कौन-कौन से सावधानियां बरतनी चाहिए?

थायराइड समस्या से बचने के लिए आपको स्वस्थ आहार लेना, स्ट्रेस को कम करना, नियमित व्यायाम करना, प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना, नशीले पदार्थों से दूर रहना और परियोजना के माध्यम से डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

Thyroid समस्या के लिए कौन-कौन से योगासन उपयुक्त हो सकते हैं?

थायराइड समस्या के लिए उपयुक्त योगासनों में उष्ट्रासन, सर्वांगासन, हलासन, भुजंगासन, मत्स्यासन, पवनमुक्तासन और अनुलोम-विलोम प्राणायाम शामिल हो सकते हैं।

Thyroid की समस्या से जुड़े कुछ मिथकों का खंडन करें।

थायराइड से जुड़े कुछ मिथक हैं जैसे कि थायराइड समस्या हमेशा मोटापे के कारण होती है, थायराइड का इलाज सिर्फ दवाइयों से ही हो सकता है, और गर्भावस्था में थायराइड का प्रभाव बच्चे पर होगा आदि।

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